Dr Ravi’s presentation
1 अक्टूबर २०२३को बिहार के हाजीपुर में होमियोपैथिक साइंस कांग्रेस २०२३ का आयोजन किया गया
होमियोपैथिक मेडिकल एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया द्वारा आयोजित इस सम्मेलन में कई प्रदेशों के क़रीब ६०० होमियोपैथिक चिकित्सकों व छात्रों ने भाग लिया
शहर के चिकित्सक डॉ रवि सिंह को इस सम्मेलन में बतौर मुख्य वक्ता के रूप में आमंत्रित किया गया था
डॉ रवि ने “एफिकैसी ऑफ़ मेडिसिन ट्रांसमिशन इन क्रॉनिक डिसीसेज” विषय पर व्याख्यान दिया
डॉ रवि ने पत्रकारों को जानकारी देते हुए बताया कि बाल द्वारा होमियोपैथिक चिकित्सा पद्धति में रोगी को दवा खाने की आवश्यकता नहीं होती रोगी के एक बाल को इंगित दवा की शीशी में डुबो दिया जाता है और रोगी पर उस दवा का प्रभाव पड़ता है इस विधा को साहनी इफ़ेक्ट के नाम से जाना जाता है
धीरे धीरे इस चिकित्सा पद्धति से बहुत सारे चिकित्सक व रोगी जुड़ते जा रहे हैं
डॉ रवि को इस सेमिनार में केंद्रीय मंत्री भारत सरकार पशुपति प्रसाद पारस द्वारा सम्मानित भी किया गया